Monday 20 March 2017

याद है वो सब जो मिला है अबतक



चोरी चुपके उसकी याद में आंसू बहाना याद है
जलती शमा पे फ़िदा वो परवाना याद है !

वो अंजान था फिर भी उसके प्यार में ..
खुद को तड़पाना याद है
यूँ बिना रुख़ किये मेरी तरफ ,उसका..
महफ़िल से चले जाना याद है

याद है वो लम्हे जो गुजार दिए इंतजार में
उसके बिना ,उसके लिए सजदे में जाना याद है।
यक़ीन था खुद पर तू आएगा वापस ..
वो बरस भर बाद मेरे लिए तेरा मुस्काना याद है ..!

याद है वो बारिश जिसमे संग भीगे थे हम ..
वो नम लबों से मुझको तेरा छु जाना याद है !
वो लम्हें जिनमे तुझ संग मैं कहीं और ही खोई रही
वो रातें जो तेरे जाने के बाद मैं खुली आँख सोई रही !

तुझसे दूर अब हर लम्हा लगता मुझे बरबाद है ..
तुझसँग गुजारा एक एक पल जहन में याद है .!
तेरे यहाँ आने के बाद ..मुझमे बिखर जाने के बाद
मेरी जिंदगी तो गुलशन-ए-फकत बेहतरीन आबाद है !
याद हैं वो मुक़म्मल आंसू और मुस्कुराहटें भी ..

तेरी धड़कन की वो धुन मेरी रूह को याद है !
तेरे बिन जो जी.. तुझ संग जो ज़ी ..
हर घड़ी ..हर पहर ..वो जिंदगी मुझे याद है !

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