हिंदी शायरियों और कविताओं का संगम ! स्वरचित कविताएँ !
तोड़ो न तुम आईने चेहरे हजार दिखेंगे...
अभी तो हम सिर्फ एक है, फिर बेशुमार दिखेंगे...
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