Tuesday 8 November 2016

जिंदगी और ख़्याल ।।

लम्हों की खुली किताब हैं ज़िन्दगी ….
ख्यालों और सांसों का हिसाब हैं ज़िन्दगी …
. कुछ ज़रूरतें पूरी ,कुछ ख्वाहिशें अधूरी …
.. इन्ही सवालों केजवाब हैं ज़िन्दगी

#आदित्य प्रताप सिंह।।।

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