Monday 3 October 2016

#देश_70_का_होया_है

#देश_70_का_होया_है


अखबारों के पन्नो में देखा,
चतुर्थ स्तम्भ कितना रोया है ,
अब तो ख़ुशी मना रे पगले ,
देश 70 का होया है ।।
आजादी संग 'चैन' मिला है ,
इन सफ़ेदपोश कौवाओं को !
गर इस देश का 'सच' देखना है ,
देखो जाकर गांवों को !
गज भर घाटी के लालच में ,
तिरंगा लाल जो होया है !
अब तो ख़ुशी मना रे पगले,
देश जो 70 का होया है ।।
आज़ादी से अब तक में,
बीज 'महाशक्ति' का बोया है !
अब तो ख़ुशी मना रे पगले ,
देश 70 का होया है ।।
'आजादी' तो मिली हुई है ,
मगर कागजी बातों में!
तभी तिरंगा बिकते देखा,
नन्हे नन्हे हाथो में !
जनहित के सब 'वादे' पड़े हैं ,
कब से बंद किताबों में ,
'
जिम्मेदार' भूख मिटाने वाले,
सारे लगे 'हिसाबों' में !
देख जवां होकर भी,
देश मेरा तो सोया है !
अब तो ख़ुशी मना रे पगले,
देश 70 का होया है ।।
मेरा देश है बहुत बलवान ,
सोये तब तक सोने दे !
'
तिरंगा' बेचकर पेट भरने की ,
बातें होती हैं ? होने दे !
कागजों में तो बढ़ रही 'जीडीपी',
किसान रो रहे ,रोने दे !
'
राजनीति' के गलियारे में,
नित दुर्घटनाये होने दे !
देश जगाने की हठ में तू ,
क्यूँ बेतहाशा रोया है ?
अब तो ख़ुशी मना रे पगले,
देश 70 का होया है !
गर देश मेरा कहीं अपनी औकात पे गया ,
तो जग 'सीधा' हो जाएगा !!
'
पाक-चीन' चुप हो जाएंगे ,
'
अमरीका' रो जाएगा !
'
राजनीती' से शर्मशार हो गया ,
'
जन-गण-मन' भी रोया है !
पर तू तो ख़ुशी मना रे पगले,
देश 70 का होया है !
राष्ट्रगान, राष्ट्रध्वज पर भी,
बहस हो रही टीवी पर !
बाकि किसी को क्या 'लेना-देना'
की क्या गुजर रही 'श्रमजीवी' पर !
'
भारत माता की जय' के नारे में भी,
धर्मवाद जो पिरोया है !
राजदीप, बरखा जैसे पत्रकारों ने ,
राष्ट्रवाद भी खोया है !
पर तू तो ख़ुशी मना रे पगले,
देश जो 70 का होया है ।।

No comments:

Post a Comment