थोड़ी भी मेहनत कर लेता ..
मिल जाती मंजिल तेरी ।भाग्य सहारे खड़ा न होता,
सज जाती दुनिया तेरी ।।
फिर न कह पाता कोई,
ये इंसान अकर्ता है ।
किस्मत-किस्मत कर कर के,
कुछ भी करने से डरता है ।।
जो तुम करते हो जीवन में ...
उसका असर तो पड़ता है ,
भाग्य सहारे चलने वाला ,
गिरता पड़ता मरता है ||
कारगुजारियों की महफ़िल से ,
हर इंसान तो डरता है !
हार हार के जो न हारा
वही यथार्थ निडरता है !!
कर्म-उदय बस कर ले तू
भाग्य-उदय हो जाएगा !
गर कुछ कर डाला तूने ,
जग वाकिफ हो जाएगा !!
अरे ! जूठे पत्तल की आशा में
वो सबसे बड़ा अभागा है !
जितनी भी यहाँ हस्ती हुईं,
खुद से जीवन तागा है!!
गर ठान लो तुम अपने मन में,
की संघर्ष तो करना है !
नाम तो रोशन करना है !!
कुत्ता भी बैठा रहता हैं ,
गर तू रोया किस्मत का रोना,
फिर अंतर न रह जाएगा !
सर्वस्व रखा हाथ में तेरे,
कर्म करो और कर डालो !
बोलो मैं हूँ आशावादी ,
सुन लो ए दुनिया वालों !!
पलट पलट कर मत देखो
वरना पलटे रह जाओगे !
जब सब खो जाएगा हाथों से
बैठे बैठे पछताओगे !!
भाग्य के पीछे जो है भागा,
फिर न हो मुश्किल कुछ भी ,
मक्कारो का है हथियार,
भाग्य तो इक सहारा है!
वरना बापू-अन्ना ने,
खुद से जीवन तारा है !
गर सोच लिया होता वीरो ने ,
किस्मत मात्रा सहारा है !
तो आज ये भारत न होता,
जो हम सबको प्यारा है !!
ए किस्मत पर रोने वालों,
कर से तो कुछ कर्म करो !
खुद से तो न ही सही.
उन्हें देखकर शर्म करो !!
अरे इक हार से हार कर
क्यों बना हुआ बेचारा है ?
दुबारा जतन किये बिन बोले
भाग्य ने चाटा मारा है!!
कर दुनिया को तू रोशन ,
खुद रोशन हो जाएगा !
बस नेक काम तू करता जा
फिर विद्वान कहाएगा !!
काम क्रोध लोभ और माया
पीछे छूट तो जाएगा !
बस एक छोटी सी ज्योति
तू संग अपने ले जाएगा !!
फिर तू क्यों बेचैन हो होकर
इन सब के पीछे मरता है !
ये काया भी तेरी न है
फिर भी भागा फिरता है !!
अरे ! जब तू छोड़ेगा दुनिया को,
चंद चक्षु नाम हो जाएगे !
चंद दिनों की बात है यारा
फिर सब अपने में खो जाएगें !!
गर मारने के बाद तुझे
रहना है दुनिया में कायम!
तो नेक काम ऐसा कर जा तू
याद रखे तुझको हर तन मन !!
जीवन रूपी भवसागर से ,
'आदित्य' भांति चमकेगा वो
जगनायक कहलाएगा !!