Friday, 28 October 2016

थोड़ी भी मेहनत कर लेता ..


थोड़ी भी मेहनत कर लेता ..
मिल जाती मंजिल तेरी ।
भाग्य सहारे खड़ा न होता,
सज जाती दुनिया तेरी ।।
फिर न कह पाता कोई,
ये इंसान अकर्ता है ।
किस्मत-किस्मत कर कर के,
कुछ भी करने से डरता है ।।
जो तुम करते हो जीवन में ... उसका असर तो पड़ता है ,
भाग्य सहारे चलने वाला ,
गिरता पड़ता मरता है || कारगुजारियों की महफ़िल से , हर इंसान तो डरता है ! हार हार के जो न हारा
वही यथार्थ निडरता है !!
कर्म-उदय बस कर ले तू
भाग्य-उदय हो जाएगा ! गर कुछ कर डाला तूने , जग वाकिफ हो जाएगा !! अरे ! जूठे पत्तल की आशा में
कुत्ता भी बैठा रहता हैं ,
गर तू रोया किस्मत का रोना, फिर अंतर न रह जाएगा ! सर्वस्व रखा हाथ में तेरे, कर्म करो और कर डालो !
बोलो मैं हूँ आशावादी ,
सुन लो ए दुनिया वालों !!
पलट पलट कर मत देखो वरना पलटे रह जाओगे ! जब सब खो जाएगा हाथों से बैठे बैठे पछताओगे !!

भाग्य के पीछे जो है भागा,
वो सबसे बड़ा अभागा है ! जितनी भी यहाँ हस्ती हुईं, खुद से जीवन तागा है!! गर ठान लो तुम अपने मन में, की संघर्ष तो करना है !

फिर न हो मुश्किल कुछ भी ,
नाम तो रोशन करना है !!
मक्कारो का है हथियार, भाग्य तो इक सहारा है! वरना बापू-अन्ना ने, खुद से जीवन तारा है !
गर सोच लिया होता वीरो ने ,
किस्मत मात्रा सहारा है !
तो आज ये भारत न होता,
जो हम सबको प्यारा है !! ए किस्मत पर रोने वालों, कर से तो कुछ कर्म करो ! खुद से तो न ही सही. उन्हें देखकर शर्म करो !!

अरे इक हार से हार कर
क्यों बना हुआ बेचारा है ? दुबारा जतन किये बिन बोले भाग्य ने चाटा मारा है!! कर दुनिया को तू रोशन , खुद रोशन हो जाएगा ! बस नेक काम तू करता जा
फिर विद्वान कहाएगा !!
काम क्रोध लोभ और माया
पीछे छूट तो जाएगा !
बस एक छोटी सी ज्योति तू संग अपने ले जाएगा !! फिर तू क्यों बेचैन हो होकर इन सब के पीछे मरता है ! ये काया भी तेरी न है

फिर भी भागा फिरता है !!
अरे ! जब तू छोड़ेगा दुनिया को,
चंद चक्षु नाम हो जाएगे !
चंद दिनों की बात है यारा फिर सब अपने में खो जाएगें !! गर मारने के बाद तुझे रहना है दुनिया में कायम! तो नेक काम ऐसा कर जा तू याद रखे तुझको हर तन मन !!

जीवन रूपी भवसागर से ,
जो भी पर हो पाएगा !
'आदित्य' भांति चमकेगा वो
जगनायक कहलाएगा !!

Monday, 3 October 2016

फ़क़त जो आते हो मेरे ख्वाबो में

फ़क़त जो आते हो मेरे ख्वाबो में शिरकत करने ,
 आ सकूं मैं भी तेरे ख्वाबों में ऐसी इजाजत दे दो ।

 यूँ छुपकर मुझसे तेरा मुस्कुराना वाज़िब तो नही ,
 तेरा न होकर भी तुझे पा सकूँ ,ऐसी बगावत कर दो ।
 मेरे होंठों पर अपने होंठों की नज़ाकत दे दो
 है बस इतनी सी आरज़ू मेरी, मुझे सिर्फ इज़ाज़त दे दो।।

 तुम्हें पाने के सारे ढंग अपना चुका हूँ मैं
 हो जाओ हासिल खुद ही, कोई ऐसी इबादत दे दो।।

 इश्क़ में नाकामियों के किस्से हज़ार है यहाँ
 मर कर भी जी जाऊँ मैं, मुझे कुछ ऐसी शहादत दे दो।। 

इश्क़ को सदा से ही गुनाह मानता है ये ज़माना
 मैं छू लु तुम्हें अहसासों से, मुझे ऐसी शराफ़त दे दो।।

 कुछ न कर सको तो, फ़क़त इतना ही कर दो
 मैं भूल जाऊँ तुम्हें, मुझे बस अपनी ये आदत दे दो।।

कैद कर रखा है तूने मुझे, मेरे खुद के भीतर 
लो कर दो मुझे मुझी से आजाद ,अब जमानत तो दे दो।
एक नज़र में बेघर कर देना दिल को मेरे इस जिस्म से, 
कहर कैसे ढाती हो ये शरारत तो दे दो। 

पलकें उठा कर नया आशियाँ बना देना तेरा,
पलकें झुका कयामत ढा जाना तेरा
बस इन्ही भीगी पलकों की प्रिये नजाकत तो दे दो।
ये वाह वाही मेरी कलम को जो दुनिया से मिली सब बेकार है , 
लिख सकूँ तुझे बेफिकर होकर , कुछ ऐसी हिमाकत दे दो । 

तारीख: 02.07.2016 आदित्य प्रताप सिंह‬

ROMANTIC HINDI SHAYARI

छुआ था मुद्दतों पहले तुम्हारी सांस ने उस दिन...
हमारे ज़िस्म की रंगत अभी तक जाफरानी है.....
कुछ ऐसी तेरी-मेरी ,पूरी मगर अधूरी कहानी है ।।
ये उन्ही लम्हों की रवानी है , मेरी रूह तेरे कुरवत में दीवानी है ।।

#aps #HINDISHAYARI #HINDIPOEM #ONELINER #ROMANTIC

HINDI SHAYARI

मत कर इतना गुरूर अपनी इस अथाहता पर समन्दर ..!
 तेरी एक बूँद भी मेरे लबों के काबिल नहीं ।। 

#आदित्य #ONELINER #HINDISHAYRI #SADSHAYARI 

SURGICAL STRIKE POEM



मेरे लोगो पर जहर भरने का तूने जो काम किया होगा ,

मेरा संतरी ही बताएगा फिर तेरे कौम का अंजाम क्या होगा ।।

 #aps #kASHMIR #PAKISTAN #INDIA #URIATTACK #INDIANARMY #SURGICALSTRIKE

oNE lINER lOVE POEM SHAYRI HINDI

उस पार आने का वादा तो मेरा ही है .
 ये सांस रुक रही है ,लहरों से हार के ।।
 तेरा प्यार पाने का इरादा तो मेरा भी है..
 पर काश-काश हो चुके हैं इस पतवार के ।।

काश-काश =टुकड़े-टुकड़े
#आदित्य

#देश_70_का_होया_है

#देश_70_का_होया_है


अखबारों के पन्नो में देखा,
चतुर्थ स्तम्भ कितना रोया है ,
अब तो ख़ुशी मना रे पगले ,
देश 70 का होया है ।।
आजादी संग 'चैन' मिला है ,
इन सफ़ेदपोश कौवाओं को !
गर इस देश का 'सच' देखना है ,
देखो जाकर गांवों को !
गज भर घाटी के लालच में ,
तिरंगा लाल जो होया है !
अब तो ख़ुशी मना रे पगले,
देश जो 70 का होया है ।।
आज़ादी से अब तक में,
बीज 'महाशक्ति' का बोया है !
अब तो ख़ुशी मना रे पगले ,
देश 70 का होया है ।।
'आजादी' तो मिली हुई है ,
मगर कागजी बातों में!
तभी तिरंगा बिकते देखा,
नन्हे नन्हे हाथो में !
जनहित के सब 'वादे' पड़े हैं ,
कब से बंद किताबों में ,
'
जिम्मेदार' भूख मिटाने वाले,
सारे लगे 'हिसाबों' में !
देख जवां होकर भी,
देश मेरा तो सोया है !
अब तो ख़ुशी मना रे पगले,
देश 70 का होया है ।।
मेरा देश है बहुत बलवान ,
सोये तब तक सोने दे !
'
तिरंगा' बेचकर पेट भरने की ,
बातें होती हैं ? होने दे !
कागजों में तो बढ़ रही 'जीडीपी',
किसान रो रहे ,रोने दे !
'
राजनीति' के गलियारे में,
नित दुर्घटनाये होने दे !
देश जगाने की हठ में तू ,
क्यूँ बेतहाशा रोया है ?
अब तो ख़ुशी मना रे पगले,
देश 70 का होया है !
गर देश मेरा कहीं अपनी औकात पे गया ,
तो जग 'सीधा' हो जाएगा !!
'
पाक-चीन' चुप हो जाएंगे ,
'
अमरीका' रो जाएगा !
'
राजनीती' से शर्मशार हो गया ,
'
जन-गण-मन' भी रोया है !
पर तू तो ख़ुशी मना रे पगले,
देश 70 का होया है !
राष्ट्रगान, राष्ट्रध्वज पर भी,
बहस हो रही टीवी पर !
बाकि किसी को क्या 'लेना-देना'
की क्या गुजर रही 'श्रमजीवी' पर !
'
भारत माता की जय' के नारे में भी,
धर्मवाद जो पिरोया है !
राजदीप, बरखा जैसे पत्रकारों ने ,
राष्ट्रवाद भी खोया है !
पर तू तो ख़ुशी मना रे पगले,
देश जो 70 का होया है ।।

Manjhi - Indian

सर रख कर जिसकी गोदी में वर्षो,
सुख दुःख में हंसा व रोया है।
आज बिलखती बेटी के संग वो
हाँ उसी की लाश को ढोया है।।
चार कंधो क्या सुकून क्या होता है
जो इक काँधे ने दिलाया है।
मांझी, मांझी ही बन बैठा देखो
आज जिन्दा लाशों को इसने रुलाया है।।
न ही कोई विद्रोह ह्रदय में
न उम्मीद कोई ज़माने से है।
वादा सात जन्मों का था जो
बस अपना फ़र्ज़ निभाने से है।।
उठा देगा माझी वो सुसुप्त प्रसाशन
जो है गहरी नींद में यहां खोया है।
जब-2 व्यस्था की नींद लगी है,
तब-2 किसी अपने ने अपना खोया है।।
पुत्री के अश्क़ लहू के छलके जो मीलों
जमी को पल-पल वहाँ जलाएंगे।
घाव ह्रदय का और पदचिन्ह वो गहरे
'निरंजन' आसमा से नजर हैं आएंगे।।
~Ram Niranjan Raidas #NiranjanPoems